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नोटबंदी के बाद बड़े डिपॉजिट का हिसाब नहीं दे पाने पर सरकार कड़ा एक्शन ले सकती है। 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 50 दिन के दौरान अपने खाते में जमा अघोषित आय पर 50 फीसदी टैक्स लगेगा।
इसके अलावा चार साल तक इस रकम का 25 फीसदी हिस्सा इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। अगर कोई खुद इस अघोषित आय के बारे में नहीं बताता है तो 90 फीसदी टैक्स के साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा।
इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट में बड़े बदलाव किए जाएंगे। गुरुवार रात मोदी की तरफ से अचानक कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई। इसमें IT कानून में होने वाले बदलावों को मंजूरी दी गई। सोर्सेज के मुताबिक सोना रखने पर सरकार कोई पाबंदी नहीं लगाएगी।

फाइनेंस मिनिस्ट्री के टॉप सोर्सेज के मुताबिक सरकार सोना रखने पर कोई पाबंदी नहीं लगाएगी। नोटबंदी के बाद लोगों के बीच ये अटकलें थीं कि सरकार ऐसा कदम उठा सकती है।

उधर, एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कैबिनेट की तरफ से मंजूर बदलावों के तहत अगर IT विभाग की नजर से कोई बड़ा डिपॉजिट बच जाता है या फिर कोई व्यक्ति खुद इनके बारे में नहीं बताता है तो इस पर टैक्स 90 फीसदी तक हो जाएगा। संशोधन प्रस्ताव के मौजूदा विंटर सेशन के दौरान ही संसद में पेश किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के बाद बैंकों में डिपॉजिट की जाने वाली रकम में काफी इजाफा हुआ है।
दो हफ्तों के बीच 21 हजार करोड़
जीरो बैलेंस पर खुलने वाले जन-धन खातों में नोटबंदी के दो हफ्तों के भीतर 21 हजार करोड़ रुपये जमा हो गए। इतनी जल्दी इतनी बड़ी रकम जमा होने के बाद सरकार और IT डिपार्टमेंट की नजरें इस ओर गईं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इन जन-धन खातों का इस्तेमाल ब्लैक मनी को व्हाइट करने मेें किया जा रहा है।
प्रस्तावित कानून के प्रावधान को ऐसे समझें
मान लीजिए आपने नोटबंदी के 50 दिन यानी 8 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 10 लाख रुपए बैंक खाते में जमा कराए हैं। अगर आप इस 10 लाख रुपए का हिसाब नहीं दे पाए तो आपको 50% टैक्स देना होगा। 5 लाख टैक्स कटाने के बाद आपके पास 5 लाख रुपए बचेंगे। इस बचे हुए 5 लाख रुपए का भी आधा यानी 2.5 लाख रुपए 4 साल के लिए फ्रीज हो जाएगा। यानी टैक्स कटाने के बाद भी कुल बेहिसाबी जमा रकम का 25% हिस्सा 4 साल तक इस्तेमाल के लायक नहीं रहेगा।
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नोटबंदी के बाद बड़े डिपॉजिट का हिसाब नहीं दे पाने पर सरकार कड़ा एक्शन ले सकती है। 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 50 दिन के दौरान अपने खाते में जमा अघोषित आय पर 50 फीसदी टैक्स लगेगा।
इसके अलावा चार साल तक इस रकम का 25 फीसदी हिस्सा इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। अगर कोई खुद इस अघोषित आय के बारे में नहीं बताता है तो 90 फीसदी टैक्स के साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा।
इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट में बड़े बदलाव किए जाएंगे। गुरुवार रात मोदी की तरफ से अचानक कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई। इसमें IT कानून में होने वाले बदलावों को मंजूरी दी गई। सोर्सेज के मुताबिक सोना रखने पर सरकार कोई पाबंदी नहीं लगाएगी।

फाइनेंस मिनिस्ट्री के टॉप सोर्सेज के मुताबिक सरकार सोना रखने पर कोई पाबंदी नहीं लगाएगी। नोटबंदी के बाद लोगों के बीच ये अटकलें थीं कि सरकार ऐसा कदम उठा सकती है।

उधर, एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कैबिनेट की तरफ से मंजूर बदलावों के तहत अगर IT विभाग की नजर से कोई बड़ा डिपॉजिट बच जाता है या फिर कोई व्यक्ति खुद इनके बारे में नहीं बताता है तो इस पर टैक्स 90 फीसदी तक हो जाएगा। संशोधन प्रस्ताव के मौजूदा विंटर सेशन के दौरान ही संसद में पेश किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के बाद बैंकों में डिपॉजिट की जाने वाली रकम में काफी इजाफा हुआ है।
दो हफ्तों के बीच 21 हजार करोड़
जीरो बैलेंस पर खुलने वाले जन-धन खातों में नोटबंदी के दो हफ्तों के भीतर 21 हजार करोड़ रुपये जमा हो गए। इतनी जल्दी इतनी बड़ी रकम जमा होने के बाद सरकार और IT डिपार्टमेंट की नजरें इस ओर गईं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इन जन-धन खातों का इस्तेमाल ब्लैक मनी को व्हाइट करने मेें किया जा रहा है।
प्रस्तावित कानून के प्रावधान को ऐसे समझें
मान लीजिए आपने नोटबंदी के 50 दिन यानी 8 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 10 लाख रुपए बैंक खाते में जमा कराए हैं। अगर आप इस 10 लाख रुपए का हिसाब नहीं दे पाए तो आपको 50% टैक्स देना होगा। 5 लाख टैक्स कटाने के बाद आपके पास 5 लाख रुपए बचेंगे। इस बचे हुए 5 लाख रुपए का भी आधा यानी 2.5 लाख रुपए 4 साल के लिए फ्रीज हो जाएगा। यानी टैक्स कटाने के बाद भी कुल बेहिसाबी जमा रकम का 25% हिस्सा 4 साल तक इस्तेमाल के लायक नहीं रहेगा।
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