Wednesday, 21 December 2016

गुड न्यूज:-प्रतिनियुक्ति रद करवा बाबत नो अमल हाल पुरतो मोकुफ, जुओं शिक्षक संघ नो ऑफिशियल लेटर

CRC/BRC प्रतिनियुक्ति रद करवा बाबत नो अमल हाल पुरतो मोकुफ, शिक्षण मंत्री श्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा साथे गुजरात प्रथमिक शिक्षक संघ ने अपायेल खातरी अंगे ऑफिसियल प्रेस नॉट
शिक्षक बच्चों को ज्ञानवान और सुसंस्कृत बनाते हैं । बच्चा घर से निकल कर विद्‌यालय में प्रवेश लेता है तो शिक्षक की शरण में जाता है । विद्‌यालय में शिक्षक ही बच्चों के अभिभावक होते हैं । वे बच्चों को जीवन जीने की शिक्षा देते हैं । बच्चा शिक्षक का अनुगृहीत होता है एवं उन्हें अपना नमन अर्पित करता है ।
शिक्षक बच्चों के अंदर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं एवं उनके अंदर के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर देते हैं । बच्चे शिक्षक के समीप श्रद्धाभाव से जाते हैं ताकि वे ज्ञान के समुद्र में गोते लगा सकें । कहा भी गया है कि ‘ श्रद्‌धावान् लभते ज्ञानम्। ‘ अर्थात् श्रद्‌धावान् को ज्ञान प्राप्त होता है । यदि विद्‌यार्थी के अंदर श्रद्‌धा होती है तो शिक्षक उसे अपना समस्त ज्ञान देते हैं ।
शिक्षक का दायित्व बहुत बड़ा है । वह मानव-समाज को सही दिशा दे सकता है । आज के बच्चे कल का भविष्य होते हैं । यदि बच्चे पढ़े-लिखे होंगे तो वे देश का नाम रौशन करेंगे । यदि वे सुसंस्कृत होंगे तो देश सभ्य बनेगा । यदि शिक्षक बच्चों में अच्छे संस्कार डालेंगे तो उससे देश को लाभ होगा । शिक्षा चारों तरफ फैले, कोई भी बच्चा अशिक्षित न रहे इसका भार शिक्षकों पर है । शिक्षक चाहें तो ऐसे समाज का निर्माण कर सकते 

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