गुजरात सरकार की विद्या सहायक स्कीम सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर है। कोर्ट ने गुजरात सरकार की इस स्कीम के जरिए प्राइमरी स्कूलों में विद्या सहायकों की नियुक्ति करने की कड़ी आलोचना की है।
विद्या सहायकों का मामला वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत हुआ एक दो सुनवाई के बाद सुनवाई टलती रहीं। 29 जून 2016 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने निर्णय दिया कि अब अगस्त के दूसरे सप्ताह में इस पर अंतिम सुनवाई होगी। और निर्णय दिया जायेगा।शिक्षामित्रों के विधिक जानकार सक्रिय समूह का केस लड़ रहे वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने गुजरात के विद्या सहायक मामले को अपनी बहस से नए मोड़ पर ला के खड़ा कर दिया है।
■27 जुलाई को होने वाली सुनवाई में भी वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन शिक्षमित्रों के केस में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
"जनअधिवक्ता" के रूप मे प्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस अब तक 200 से ज़्यादा मुकद्दमे जीत कर गरीब और पीड़ितों को न्याय दिलवा चुके हैं।
उनका भी ये ही मानना है कि:- मानव की
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
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